निर्जला एकादशी व्रत 2022

निर्जला एकादशी व्रत 2022 के नियम

 दशमी के दिन सूर्यास्त से पहले ही शाम का भोजन ग्रहण कर लें. भोजन में प्याज लहसुन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें.

दशमी की रात को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. सोने के लिए चटाई का इस्तेमाल करें. इसके अलावा ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करें.

एकादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर तथा नित्य क्रियाओं से निवृत हो कर और स्नानादि करके व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान का पूजन करें और निर्जल व्रत रखें.

व्रत के दौरान श्रीहरि का नाम जपते रहें. न तो किसी की निंदा करें और न ही सुनें. न ही किसी की चुगली करनी चाहिए.

शाम के समय भी पूजा करें. चाहें तो एक बार फलाहार ले सकते हैं, लेकिन नमक बिल्कुल न खाएं और पानी न पीएं. एकादशी की रात में जागरण करें और नारायण के भजन कीर्तन करें.

इस व्रत का पारण द्वादशी के दिन किया जाता है. द्वादशी के दिन स्नान और पूजा से निवृत्त होने के बाद किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं